आख़िरी दौर है अंजाम से घबराना क्या?
आख़िरी दौर है अंजाम से घबराना क्या?
कर चुके है जो उसपे बैठ अश्क बहाना क्या।
हम संभलते ही नही गर्दिश ए दौरा के लिए,
कल ना जब संभले तो अब आगे में पछताना क्या।
कौन रुक पाया जो हम रुक के क़यामत देखें,
ख़ुद उठायेगी क़यामत तो फिर मर जाना क्या।
फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_9807
प्रतियोगिता के लिए
Abhinav ji
08-Jun-2023 09:01 AM
Very nice 👍
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Punam verma
08-Jun-2023 07:49 AM
Very nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
08-Jun-2023 07:33 AM
Nice lines
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